मित्रो! सोलह मील की तो नाक थी कुम्भकरण की और आठ मील की उसकी मूंछे थीं। हनुमानजी पांच फीट छह इंच के थे। आप जरा कैलकुलेशन किजिए की पांच फीट छह इंच का इन्सान आठ मील लंबी मूँछो के जंगल मे कहा ठहर सकता है? वह तो मूँछो के जंगल मे ही घूमता रहेगा। पता ही नहीं चलेगा कि हनुमानजी कहाँ गए? एसे जबरदस्त आदमी थे,जिनको हनुमान जी फतह करते चले गए। । अच्छा तो आप उनका बड़ाई कर रहे हैं? मै बड़ाई क्यू करुंगा मै
उनका कमीशन एजेंट थोड़ी ना हूं ।मै तो अध्यात्म समझा रहा हू। अध्यात्म !
मित्रो ! आपको मालूम है हनुमान जी के साथ क्या हुआ? नही मालूम है तो चलिये मेेै बताता हु। ताकत के हिसाब से अजीब थे । पहाड़ को ही उठाकर ले आये। श्रीकृष्ण भगवान ने तो सिर्फ गोवर्धन पर्वत को उठाकर उँगली पड़ रख लिया था और जहाँ से उठाया था वही पड़ रख दिया था। कही ले गये थे ?नहीं ले गये थे । अभी तक जहाँ का था रखा हुआ है। सिर्फ उठा लिया था। हनुमानजी ने जिस पहाड़ को उठाया था और उठाने के बाद कहा से लेकर कहां पहुच गये और इतनी स्पीड मे पहुचे थे। इस तेजी से गए थे जैसे राॅकेट जाता है आब आप यकीन ही नही करेंगे।
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