सोचता हु कि वो कितना मासूम थी क्या से क्या हो गई देखते देखते
जाम से प्याला भरा था अभी तक खत्म कब हो गई देखते देखते
उनके राहो पर दिल के मंजर से चुन चुनकर कितने फूल बिछाया
सख्त लहजों से मसलकर मेरे मन को कहा चली गइ देखते देखते
गम की बदलियों को छांट कर उनके आलम को मैने आराइश किया
दुख का पलड़ा झुका मेरे हिस्से अब जिंदगी दोजख हो गइ देखते देखते
ठोकरो से अनुभवो से सीख लिया मुहब्बत ना करुंगा किसी से कभी
उनसे आंखें लड़ी और मुहब्बत हुई अनुभव फीकी पड़ी देखते देखते
तु मिली हमसफर तो तराश लिए हम तसव्वुर का अपना मकां
एक झोंका आ तवस्सुम छिन लिया और आशियां टुट गई देखते देखते
जाम से प्याला भरा था अभी तक खत्म कब हो गई देखते देखते
उनके राहो पर दिल के मंजर से चुन चुनकर कितने फूल बिछाया
सख्त लहजों से मसलकर मेरे मन को कहा चली गइ देखते देखते
गम की बदलियों को छांट कर उनके आलम को मैने आराइश किया
दुख का पलड़ा झुका मेरे हिस्से अब जिंदगी दोजख हो गइ देखते देखते
ठोकरो से अनुभवो से सीख लिया मुहब्बत ना करुंगा किसी से कभी
उनसे आंखें लड़ी और मुहब्बत हुई अनुभव फीकी पड़ी देखते देखते
तु मिली हमसफर तो तराश लिए हम तसव्वुर का अपना मकां
एक झोंका आ तवस्सुम छिन लिया और आशियां टुट गई देखते देखते
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