वर्षा बरस जा जरा
हू तेरे दीदार को खड़ा
वर्षा पे रागिनी मेढको ने बनाई है
कैसे कैसे राज अब सामने आई है
राज को कोइ सुलझा
क्यू मेरा मन तडपा
बर्षा बरस जा जरा
भवरो ने कलियों से प्यार किया है
डरते डरते इजहार किया है
इजहार से क्या होगा
क्या उसने भी सोचा
बर्षा बरस जा जरा
कैसे बिना तेरे मै रह पाउंगा
गम की आग ना सह पाउंगा
आग को कोइ बुझा
जलने से दिल को बचा
बर्षा बरस जा जरा
मेरे दिल मे तो तु है,तेरे दिल मे मैं ना आया
ना मैने तुझको रुलाया,ना तुने मुझको हंसाया
इकबार मुझको हंसा
रोता जाऊ मै तो कहां
बर्षा बरस जा जरा
हू तेरे दीदार को खड़ा
वर्षा पे रागिनी मेढको ने बनाई है
कैसे कैसे राज अब सामने आई है
राज को कोइ सुलझा
क्यू मेरा मन तडपा
बर्षा बरस जा जरा
भवरो ने कलियों से प्यार किया है
डरते डरते इजहार किया है
इजहार से क्या होगा
क्या उसने भी सोचा
बर्षा बरस जा जरा
कैसे बिना तेरे मै रह पाउंगा
गम की आग ना सह पाउंगा
आग को कोइ बुझा
जलने से दिल को बचा
बर्षा बरस जा जरा
मेरे दिल मे तो तु है,तेरे दिल मे मैं ना आया
ना मैने तुझको रुलाया,ना तुने मुझको हंसाया
इकबार मुझको हंसा
रोता जाऊ मै तो कहां
बर्षा बरस जा जरा
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